2S Coach In Train Details In Hindi | DL1, DL 2 Coach And D1, D2 And D3, D4

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2S Coach - DL1, DL 2 Coach and D1, D2 and D3, D4 Coach Details in hindi - जब भी ट्रेन की टिकट बुक करते या करवाते हैं, टिकट में कोच नंबर दिया होता है, जोकि S 1 से S 11, 1AC से 3AC और  General कोच नंबर जोकि 2S से प्रदर्शित होता है जनरल श्रेणी में 4 कोच होते हैं D 1, D 2, D 3 और D 4. ट्रेन में D1 और D2 कोच सबसे आगे होते  हैं जबकि D3 और D4 कोच सबसे पीछे होते हैं।

पर लॉकडॉन के कारण से कुछ कोचों में बदलाव किए गए, कुछ ट्रेनों में यह बदल दिए गए कुछ में सीट फुल होने की स्थिति में नए कोच जैसे DL 1, DL 2 इत्यादि एड किए गए। ट्रेन में लोड ज्यादा न हो इसलिए इन डीएल1 का साइज छोटा और सीटें कम रखी गई है।

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2S - DL1 Coach In Train Means In Hindi

DL1 कोच मतलब Second Sitting (D) लॉबी (L)  जोकि लगभग उन सभी ट्रेनों में सबसे पीछे की ओर होता है जहां सभी प्रकार की श्रेणियों के कोच होते हैं जैसे 2S, SL, 1A, 3A इत्यादि। यह 2S श्रेणी (Second Sitting) में आता है।

यह कोच ट्रेन में सबसे पीछे की ओर एक छोटा कोच होता है। एक DL (2S) डब्बे में 31 सीटें होती है। इस कोच में यात्रियों के लिए बैठने और कुछ लोगो के लिए फ्री में लेटने के लिए SL सीट की सुविधा होती है।


एक DL कोच में 3 कैबिन होते हैं एक Cabin में 2 सिंगल कुर्सी और 2 सोफे होते है, एक सोफे में 4 यात्रियों की सीटें होती है। प्रत्येक कोच में ऊपर की दोनों तरफ सोनें के लिए सिंगल स्लीपर सीट फ्री होती है।


जिस व्यक्ति को लेटने की अति आवश्यकता हो या पहले अपना कब्जा जमा ले, उपयोग करता है।


फ्री स्लीपर सीट के लिए आपको सबसे पहले जाकर कब्जा जमाना होगा।


महिलाओं की सुरक्षा के लिए जनरल कोच में लाइट बंद करने की सुविधा नहीं होती है। परंतु पंखे का कंट्रोल होता है।


Note: ट्रेन की वापसी में इंजन पीछे की तरफ जुड़ जाता है जिससे DL1 कोच कि पोजिशन बदल जाती है। सामान्यत: 6pm बजे चलने वाली ट्रेनों में DL पीछे की ओर होता है, दिन में बनके चलने वाली ट्रेनों में यह पीछे की ओर होता है।



DL3, DL4 Coach Kya Hota Hai 

यह कोच dl 1 की तरह की होते हैं परंतु DL 1 के बाद सभी DL कोचों का साइज सामान्य रखा गया हैं। सामान्यत: यह दोनो कोच ट्रेन के पीछे की तरफ होते हैं।

Note: ट्रेन की वापसी में इंजन पीछे की तरफ जुड़ जाता है जिससे D1, D2 या DL1, DL2 कि पोजिशन बदल जाती है


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D1 Coach Means In Hindi

ट्रेन में D का मतलब 2nd श्रेणी (Ganerel coach) में आने वाला वह कोच होता हैं जिसमे केवल बैठने के लिए 1 फूट की सीट मिलती है,
एक ट्रेन में यह 4 कोच, 2 आगे और 2 पीछे होते हैं, D1 कोच के 1 केबिन में 2 सोफे और 2 कुर्सी होती हैं प्रत्येक सोफे में 4 यात्रियों की सीट होती है।

इस कोच में खिड़कियां खोल और बंद कर सकते हैं, और रात के सफर में लाइट बंद नही की जा सकती।

D श्रेणी यानी 2nd Sitting Class के एक coach में 53 से 70 यात्रियों की सीट होती हैं, क्युकी एक कोच में 7 केबिन होते ही प्रत्येक केबिन में 10 सीट होती हैं,

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FAQ:-

1. जनरल कोच में लाइट बंद क्यू नहीं होती?

जनरल कोच में लाइट बंद करने के लिए किसी भी प्रकार का स्विच महिलाओं की सुरक्षा के लिए हटाया गया है क्युकी लॉकडॉन से पहले किसी भी व्यक्ति की सीट रिजर्व नही होती थी और न ही उस सीट पर यात्रा करने वाले व्यक्ति जी जानकारी होती थी जिससे मुजरिम को पकड़ना मुश्किल हो जाता है क्युकी यदि अंधेरे में छेड़छाड़ या रेप जैसी घटना होने की आशंका होती है।


2. एक ट्रेन में कितने डब्बे होते हैं?

एक पैसेंजर ट्रेन में ज्यादा से ज्यादा 24 डब्बे होते है सामान्यतः 12 से 24 के बीच होते है यह ट्रेन और रूट पर निर्भर करता है। एक एक्सप्रेस ट्रेन में 22 डब्बे (coach) होते है।

भारतीय ट्रेन कितने मीटर लंबी होती है?

भारतीय रेल लगभग 650 मीटर लंबी होती है क्युकी एक कोच की लंबाई लगभग मीटर होती है और एक भारतीय ट्रेन में लगभग 24 कोच होते है। इस हिसाब से ट्रेन की कुल लंबाई 650 मीटर होती है।

3. D1 और DL1 में क्या अंतर है?

वैसे तो यह दोनो कोच 2S श्रेणी में ही आते हैं परंतु यह बिलकुल विपरीत दिशा में होते हैं, जहां D1 जोकि पुराना कोच हैं यह ट्रेन में सबसे आगे की तरफ होता है। इस कोच में सिर्फ बैठने की सीट, सफाई कम होना, अधिक भीड़, समान रखने के लिए ऊपर दोनो तरफ स्टील का जाला बना रहता है। जहां अक्सर लोग सोते रहते हैं।

वहीं DL जोकि एक नया कोच और बहत्तर सर्विस जैसे सीटों का बड़ा आकार, प्रत्येक केबिन में 2 फ्री स्लीपर सीट होना, स्वच्छ शौचालय एवं कम यात्री जिससे कोच में भीड़ नही होती और साफ सफाई भी बनी रहती है।


4. DL में L का मतलब क्या होता है?

Train के DL में L से मतलब लॉबी होता है, यह लॉबी कोच उन ट्रेनों में लगाया जाता है जहा जनरल डब्बा की बुकिंग सबसे ज्यादा होती है सीट की कमी होने के कारण यह एक छोटा सा कोच एक्स्ट्रा पैसेंजर की यात्रा सुनिश्चित करने के लिए जोड़ा जाता है।

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    1. हमारी फ्री पोस्ट को पढ़ने के लिए धन्यवाद, आपको यह जानकारी कैसी लगी कृपया प्रतिक्रिया दें धन्यवाद!

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