कोरोना वायरस का तीसरा स्ट्रेन – New Corona virus Strain Symptoms In Hindi
भारत में कोरोना का 3rd वेरिएंट आ चुका है जिसमे कुछ नए लक्षण सामने आए हैं डॉक्टरों का कामना है की बीमा बुखार भी हो सकता है आपको कोरोना ये लक्षण आते ही तुरंत सावधान होने की दी है चेतावनी
कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को है ज्यादा खतरा
डॉक्टरों का मानना है की करना की तीसरी लहर से बच्चों को ज्यादा खतरा हो सकता है क्युकी अब तक ज्यादातर लोग वैक्सीन लगवा चुके है जिस कारण उन्हें कोरोन से अब खतरा नहीं है पर छोटे बच्चों को ज्यादा खतरा है क्युकी बच्चों के लिए अभी नही है वैक्सीन
छोटे बच्चों में हल्का बुखार -
बच्चों में हल्के बुखार की असंखा जताई जा रही है जिसे पैरेंट जरा भी न करें नजरंदाज।
हल्की लाल आंखें-
चीन में हुई एक हालिया स्टडी के मुताबिक, नए स्ट्रेन पर गौर करने पर कुछ खास लक्षणों की पहचान की गई है. इंफेक्शन के नए वेरिएंट में इंसान की आंखें हल्की लाल या गुलाबी हो सकती हैं. आंखों में लालपन के अलावा, सूजन और आंख से पानी आने की भी शिकायत हो सकती है. हालाकि यह समस्या अभी भारत में में नहीं देखी गई पर समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करें
बूखार
भारत में बदलते मौसम के कारण ज्यादातर लोगों को बुखार की समस्या का सामना करना पड़ता है। लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह कोरोना वायरस होने का भी कारण हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति को अचानक तेज बुखार आ जाए और वह आसानी से उतरे तो एक बार जरूर डॉक्टर से संपर्क करें।
कानों से जुड़ी दिक्कत-
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ऑडियोलॉजी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 का नया स्ट्रेन कानों से जुड़ी दिक्कत को ट्रिगर कर सकता है. स्टडी में करीब 56 प्रतिशतक लोगों में ये परेशानी देखी गई है. अगर आप भी ऐसा कोई लक्षण महसूस कर रहे हैं तो ये कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का संकेत हो सकता है.
पेट से जुड़ी समस्या-
नए स्ट्रेन में शोधकर्ताओं ने गैस्ट्रोइंटस्टाइनल से जुड़ी शिकायत होने की बात भी कही है. नए स्ट्रेन में लोगों ने डायरिया, उल्टी, पेट में ऐंठन और डायजेस्टिव डिसकम्फर्ट महसूस किया है. पहले जहां मरीज को सिर्फ अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम में शिकायत होती थी, अब पेट से जुड़ी दिक्कतें भी सामने आ रही हैं
ब्रेन फॉग-
कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित होने वाले लोगों में न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर की समस्या भी देखने को मिल रही है. medRxiv की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लंबे समय तक कोरोना से बीमार रहने वालों में ब्रेन फॉग या मेंटल कंफ्यूज़न की समस्या देखने को मिली है. इस न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर का असर उनकी नींद और मेमोरी लॉस पर भी पड़ रहा है.
हार्ट बीट-
अगर आप कुछ दिनों से दिल की असामान्य गति को महसूस कर रहे हैं तो इसे बिल्कुल नजरअंदाज न करें, मेयो क्लीनिक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नए स्ट्रेन की चपेट में आने के बाद धड़कन की रफ्तार काफी ज्यादा तेज हो जाती है. JAMA में प्रकाशित एक रिपोर्ट में रिकवर हो चुके 78 प्रतिशत लोगों ने कार्डिएक से जुड़ी समस्या होने की बात कही है. जबकि 60 फीसद लोगों ने मेयोकार्डिएल इन्फ्लेमेशन की शिकायत बताई है.
सिरदर्द-
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना का नया वेरिएंट बॉडी पर अलग-अलग तरीके से हमला कर रहा है. नया स्ट्रेन बहुत ज्यादा संक्रामक है और फेफड़ों और श्वसन तंत्र में आसानी से फैल जा रहा है. इसकी वजह से निमोनिया हो रहा है जो कोरोना को और घातक बना रहा है.
लॉस ऑफ टेस्ट-स्मैल
कोरोना के पहले स्ट्रेन की चपेट में आने के बाद काफी ज्यादा तादाद में मरीजों को लॉस ऑफ टेस्ट और स्मैल की शिकायत हो रही थी. हालांकि उस वक्त भी कुछ एक्सपर्ट ने ऐसा कहा था कि किसी भी प्रकार के रेस्पिरेटरी डिसीज में इंसान के सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता खत्म हो जाती है.
उंगलियों में सूजन-
पिछले साल मार्च में इटली के कुछ डर्माटोलॉजिस्ट ने कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों के पैरों और उंगलियों में सूजन होने की बात कही थी. उन्होंने ये भी दावा किया था कि कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उनकी स्किन का कलर असामान्य ढंग से बदल रहा था. कुछ लोगों की स्किन पर नीले या बैंगली कलर के धब्बे भी देखे गए थे.
बेचैनी महसूस होना-
अमेरिका के वॉशिंगटन नर्सिंग होम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग एक-तिहाई लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए. लेकिन आधे लोगों में इसके कोई लक्षण नहीं थे. कुछ मरीजों में सिर्फ बेचैनी और मांसपेशियों में दर्द जैसे असामान्य लक्षण देखने को मिले थे.
बहती नाक-
कोविड-19 के कुछ मरीजों में बंद नाक या बहती नाक के लक्षण भी देखे गए थे. हालांकि जरूरी नहीं कि नाक बहने की समस्या कोरोनो वायरस का ही संकेत हो. आमतौर पर एलर्जी या ठंड लगने की वजह से भी नाक बहने लगती है. डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 के पांच फीसदी से भी कम मरीज इन लक्षणों का अनुभव करते हैं.
छींक आना और गले में खराश-
कोरोना वायरस के कुछ मरीजों में छींक आना और गले में खराश होने जैसी समस्या देखी गई है. हालांकि छींक आने का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि आप कोरोना वायरस से ही पीड़ित हों. एलर्जी या सर्दी लगने पर भी छींक आने और गले में खराश होने जैसी समस्या हो जाती है.
पहले वाले लक्षणों में कितना अंतर-
कोरोना के पुराने वेरिएंट के लक्षण इससे थोड़े अलग थे. सूखी खांसी, बुखार, गले में दर्द और सांस में तकलीफ ज्यादा देखने को मिल रही थी. हालांकि मौजूदा हालातों में भी इन लक्षणों को नजरअंदाज करने की भूल नहीं करनी चाहिए.
नोट: ज्यादा दवाइयां खाने से होसकता है ब्लैक फंगस -
डॉक्टरों का कहना है की करना से ठीक हो चुके लोगों को ब्लैक फंगस हो सकता है, ज्यादय सप्लीमेंट या दवाइया लेने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो सह है जिस कारण ब्लैक फंगस का खतरा बना रहता है।
