Black fungus kya hai | इस पोस्ट में हम जानेंगे की ब्लैक फंगस क्या है, ब्लैक फंगस के कारण क्या है, ब्लैक फंगस के लक्षण, ब्लैक फंगस किन्हें हो सकता है, ब्लैक फंगस कितना खतरनाक है।
ब्लैक फंगस क्या है?
कोरोना वायरस से लड़ रहे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों जैसे कई जिलों में ब्लैक फंगस ( black fungus ) के मामले सामने आए हैं। ब्लैक फंगस के कारण करोना से ठीक को चुके कई मरीजों की मौत हो चुकी है। बढ़ रहे मामलों को देखते हुए सरकार ने लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है। ब्लैक फंगस एक प्रकार का फंगस बैक्टीरिया है ये उन लोगो को ज्यादा शिकार बना रहा है जो कोरोना महामारी से ठीक हो चुके हैं।
कहां-कहां अटैक करता है ब्लैक फंगस?
विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड के बाद ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस लोगों को शिकार बना रहा है। इस रोग में काले रंग की फंगस नाक, साइनस, आंख और दिमाग में फैलकर उन्हें नष्ट कर रही है और मरीजों की जान जाने का भी खतरा रहता है।
किसे हो सकता है ब्लैक फंगस?
- कोविड के दौरान जिन्हें स्टेरॉयड्स- मसलन डेक्सामिथाजोन, मिथाइल, प्रेडनिसोलोन आदि दी गई हों।
- कोविड मरीज को ऑक्सिजन सपॉर्ट पर या आईसीयू में रखना पड़ा हो।
कोरोना के कारण से जिन मरीज की रोग प्रतिरोध क्षमता कमजोर हो चुकी है उन लोगो को ये बीमारी हो रही है
- या कैंसर, किडनी, ट्रांसप्लांट आदि की दवाएं चल रही हों।
ब्लैक फंगस के लक्षण
— शुरुआती दिनों में दांत में दर्द, दांत हिलना, नाक का सूख जाना, आंख में दर्द हो
- बुखार आ रहा हो, सर दर्द हो रहा हो, खांसी हो या सांस फूल रही हो।
- नाक बंद हो। नाक में म्यूकस के साथ खून आ रहा हो।
- आंख में दर्द हो। आंख फूल जाए, एक चीज़ दो दिख रही हो या दिखना बंद हो जाए।
चेहरे में एक तरफ दर्द हो, सूजन हो या सुन्न हो।
- दांत में दर्द हो, दांत हिलने लगें, चबाने में दांत दर्द करे।
- उल्टी में या खांसने पर बलगम में खून आए। तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें,
क्या करें
ब्लैक फंगस के कोई लक्षण नजर आए तो तत्काल सरकारी अस्पताल में या किसी अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाएं। नाक, कान, गले, आंख, मेडिसिन, चेस्ट या प्लास्टिक सर्जन विशेषज्ञ को तुरंत दिखाएं ताकि जल्दी इलाज शुरू हो सके।
सावधानियां
- खुद या किसी गैर विशेषज्ञ डॉक्टरों, दोस्तों, मित्रों, रिश्तेदारों के कहने पर स्टेरॉयड दवा कतई शुरू न करें।
- लक्षण के पहले 5 से 7 दिनों में स्टेरॉयड देने के दुष्परिणाम हो सकते हैं। बीमारी शुरू होते स्टेरॉयड शुरू न करें। इससे बीमारी बढ़ सकती है।
- स्टेरॉयड का प्रयोग विशेषज्ञ डॉक्टर कुछ ही मरीजों को केवल 5 से 10 दिनों के लिए देते हैं, वह भी बीमारी शुरू होने के 5 से 7 दिनों बाद, केवल गंभीर मरीजों को। इससे पहले बहुत सी जांच होना जरूरी हैं।
- इलाज शुरू होने पर डॉक्टर से पूछें की इन दवाओं में स्टेरॉयड तो नहीं है, अगर है तो ये दवाएं मुझे क्यों दी जा रही हैं।
- स्टेरॉयड शुरू होने पर विशेषज्ञ डॉक्टर के नियमित संपर्क में रहें।
- घर पर अगर ऑक्सिजन लगाया जा रहा है तो उसकी बोतल में उबालकर ठंडा किया हुआ पानी डालें या नॉर्मल स्लाइन डालें, बेहतर हो अस्पताल में भर्ती हों।
कुछ सामान्य पूछे गए सवाल और जवाब
क्या ब्लैक फंगस जानलेवा है?
नहीं, यदि समय पर सही इलाज हो जाए तो मरीज ठीक हो सकता है साथ ही मरीज को आपकी एक आंख या दोनों आंख गवानी पद सकती है।
ब्लैक फंगस कितने दिन में फैल सकता है?
ब्लैक फंगस 24 घंटे में मुंह से नाक तक पहुंच जाता है और कुछ ही घंटो में आंख तक पहुंच सकता है यदि लक्षण आनें पर 24 से 48 घंटो के अंदर सही इलाज न मिले तो फंगस दिमाक तक पहुंच सकता है और मरीज की मौत हो सकती है।
क्या ब्लैक फंगस का इलाज संभव है?
हां, ब्लैक फंगस का इलाज पूर्ण रूप से संभव है, यदि लक्षण आने पर सीघ्र ही इलाज मिल जाए।
ब्लैक फंगस का खतरा किन लोगों को है
कोविड के दौरान जिन्हें स्टेरॉयड्स- मसलन डेक्सामिथाजोन, मिथाइल, प्रेडनिसोलोन आदि दी गई हों।
- कोविड मरीज को ऑक्सिजन सपॉर्ट पर या आईसीयू में रखना पड़ा हो।
कोरोना के कारण से जिन मरीजों की रोग प्रतिरोध क्षमता कमजोर हो चुकी है उन लोगो को ये बीमारी हो रही है
- या कैंसर, किडनी, ट्रांसप्लांट आदि की दवाएं चल रही हों।

